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Journey for a bad job
(my life .........story )
It is said that whatever happens is for good. In 2019, I had a phone call from Calcutta and more posts for interviews, for hardware and networking posts at IT, and for Singrauli location in Madhya Pradesh, I said yes to this job because I had been in job for 1 year. Dropped and then, telephonic interview, mine and 3 round interview, where basic introduction then technical questions and then final round. And I finally got selected, and my profile is IT Engineer. But they did not send me the offer letter and joining letter.
Then I called at the Calcutta office, so they did not take tension, we will mail it. The month of December of 2019 was going on. It was freezing a lot, I was cooking the fire with mother and father outside the house. Then a call was made that Mr. Sharad reached Singrauli office in Madhya Pradesh before New Year and today is December 24. I had only three days. I spoke to my mother, she said, then I went to the net, I searched the net but no ticket was confirmed for the train, then I called my friends to come and join Madhya Pradesh and you guys can roam. Then everyone agreed and got a four wheeler fixed about 600 km away from my house and while planning, it happened on 26th December and as often as possible, my bastard friends refused. Then I thought of going by bike, I said to my father, I will go by bullet, he did not refuse. Mama did not agree to go on a light bike, go out of train, otherwise leave such a job. But somewhere I also wanted to go by bike. Finally, I convinced my mother and my journey Suzuki Hyatt started for the third time for a long journey, first Gorakhpur, then some people told me the wrong path, then I had to cross the bike on the boat and I wasted my time. Hour, then from there I started walking on Google Maps and then went for 10 hours in Azamgarh, Varanasi, Robertsganj and Renukoot. Booked a room in a hotel there and had food and slept. Then early morning woke up. And the journey started again at 9 in the morning I reached the main door of a very large company. I made a call for entry, then I went inside the bike. Asked because that company was spread in many kilometers.
As soon as I arrived, first of all, my senior was talking about the New Year celebrating, what was the need to be so upset. Then asked if there was any problem, after that, at 12 o'clock in the office canteen took me and we both ate there. Then I called Calcutta saying that I did not receive your offer letter and I have reached Singrauli office. Then he said that right now we are sending both the offer letter and joining letter. Then I went to the company house where everyone got room and food from the company.
I have been watching and working for a week, but I have not received any letter, nor offer letter nor joining letter I told my senior, till tomorrow evening if I do not get any letter, I will leave. I got a call from me and said that I am sending it, but did not send it. Then got up early in the morning and got the bike serviced and went for 10 days in Madhya Pradesh due to damage and loss of money. (Here I did not enter the company name so that the company name is not bad.) Because I did not get the phone from the direct company. Came from third party company.
By the way, before coming from there, my senior who was on the third party, he sent me to meet an IT manager of the main head office there. I met him Sir of that company told me not to make such a mistake again, never go without taking an offer letter.
After reaching home, I got a call from Calcutta but I did not pick up because I had lost big money in going and coming there.
By the way, there was a lot of fun to come and it was a very beautiful place and many very good fun events also happened on the way. If the job was removed, it was a thrilling journey with a light bike, Suzuki Hayate did not cheat on the way.
continue 500 kilometer journey with Suzuki .
(yourSharad) www.yourSharad.com
Dhan Nirankar Ji..
कहते है जो होता है अच्छे के लिए होता है। 2019 में मेरे पास कलकत्ता से फ़ोन आया इंटरव्यू के लिए और पोस्ट थी , आई टी में हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग के पोस्ट के लिए ,और मध्य प्रदेश के सिंगरौली लोकेशन के लिए मैंने इस नौकरी के लिए हां कह दिया क्योकि 1 साल हो गया था मुझे जॉब छोड़े हुवे और फिर , टेलीफोनिक इंटरव्यू मेरा हुवा और 3 रॉउंड इंटरव्यू हुवा जिनमे बेसिक इंट्रोडक्शन फिर टेकिन्कल सवाल और फिर फाइनल राउंड। और मै आखिर में सेलेक्ट हो गया, और मेरा प्रोफाइल आईटी इंजिनियर । पर उन्होंने ऑफर लेटर और जॉइनिंग लेटर कुछ भी मुझे सेन्ड नहीं किया।
तब मैंने फ़ोन किया कलकत्ता ऑफिस में तो उन्होंने कहाँ आप टेंशन न लो हम मेल कर देंगे। 2019 का दिसंबर महीना चल रहा था। ठंड बहुत पड़ रही थी, मै घर के बाहर माँ और पापा के साथ आग सेक रहे थे हम सभी। तभी फ़ोन आया की मिस्टर शरद न्यू ईयर से पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली ऑफिस पहुँचिये और आज 24 दिसंबर है। मेरे पास सिर्फ तीन दिन था। मै माँ से बोला उन्होंने बोला तब जाव ,मै नेट पे सर्च किया पर ट्रैन का कोई टिकट कन्फर्म नहीं मिल रहा था, तब मैंने अपने दोस्तों को फ़ोन किया की चलो मध्य प्रदेश मै ज्वाइन कर लूंगा और तुम लोग घूम लेना। तब सब ने हामी भरा और एक फोर व्हीलर फिक्स हुवा लगभग 600 किलोमीटर की दुरी मेरे घर से और प्लानिंग करते करते 26 दिसंबर हो गया और जैसा अक्सर होता आया है , मेरे साथ सब कमीने दोस्तों ने मना कर दिया। तब मैंने बाइक से जाने का सोचा , मैंने पापा से बोला मै बुलेट से जाऊंगा उन्होंने मना कर दिया नहीं। हलकी बाइक से जाव पर माँ नहीं मानी बोली ट्रैन से जाव , वरना छोड़ दो ऐसी नौकरी। पर कहि न कही मेरा मन भी बाइक से जाने का ही था। आखिरकार माँ को मैंने मना लिया और मेरी यात्रा सुजुकी हयाते तीसरी बार एक लॉन्ग जर्नी के लिए शुरू हुवा , पहले गोरखपुर फिर वह कुछ लोगो ने गलत रास्ता बता दिया तो फिर मुझे बाइक को नाव पे रखकर पार करना पड़ा वो मेरा टाइम बर्बाद हुवा लगभग 1 घंटा ,फिर वहाँ से मै गूगल मैप्स ऑन करके चलना शुरू किया फिर आजमगढ़ ,वाराणसी ,रॉबर्ट्सगंज और रेणुकूट मै पंहुचा 10 घंटे बाइक चला के। वहाँ एक होटल में रूम बुक किया और भोजन किया और सो गया। फिर अर्ली मॉर्निंग सो के उठा। और यात्रा शुरू फिर सुबह के 9 बजे मै एक बहुत बड़ी कंपनी के मेन डोर पे पहुंच गया। गेट के सामने छोटी सी चाय नास्ते की दुकान भी थी वही अपना जैकेट साफ किया रुमाल से जो की धूल और कोयले से काला हो चूका था पुरे नाक और और आँखो में धूल कोयला भर गया था फिर वही दुकान पे ही हाथ मुँह धुला फिर नाश्ता किया उसके बाद एंट्री के लिए फ़ोन किया पास बना फिर मै बाइक ले के अंदर गया। पूछते पूछते क्योकि वो कंपनी कई कीलोमीटर में फ़ैली थी।
पहुंचते ही सब से पहले मेरे सीनियर का सबसे घटिया लाइन की न्यू ईयर मना के आते इतना परेशान होने की क्या जरुरत थी अब उनको क्या बताता की न्यू इयर से पहले पहुंचने को बोला गया था तभी मै निकला वरना बिना नया साल बनाए कहा कौन जाता अपने कमीने दोस्तों को छोड़कर । जो भी हो फिर उन्होंने पूछा कि कैसे आय हो कोई परेशानी तो नहीं हुवा थोड़ा अच्छा लगा सुन के , उसके बाद 12 बजे ऑफिस के कैंटीन में मुझे ले के गए, वहां हम दोनों खाना खाये। फिर मैंने कलकत्ता फ़ोन किया की मुझे आप का ऑफर लेटर नहीं मिला और मै सिंगरौली ऑफिस पहुंच गया हूँ। तब उन्होंने बोला अभी हम ऑफर लेटर और जोइनिंग लेटर दोनों भेज रहे है। फिर मै कम्पनी हाउस में गया वहाँ कंपनी के तरफ से सभी को रूम और फ़ूड मिलता था।
देखते देखते और काम करते हुवे मुझे एक हफ्ते हो गए पर मुझे कोई लेटर नहीं मिला न ऑफर लेटर और न ही जोइनिंग लेटर मैंने अपने सीनियर को बोला , कल शाम तक अगर मुझे कोई लेटर नहीं मिला तो मै चला जाऊंगा। वही हुवा मेरे पास फ़ोन आया बोले के भेज रहा हूँ ,पर नहीं भेजा। फिर अर्ली मॉर्निंग सो के उठा और बाइक की सर्विसिंग कराया और चल दिया 10 दिन मध्य प्रदेश में ख़राब कर के और रूपए का जो नुकसान हुवा वो अलग। (यहां मैंने कंपनी नाम इस लिए नहीं डाला की कंपनी का नाम ख़राब न हो। ) क्योकि मुझे फ़ोन डायरेक्ट कंपनी से नहीं आया था। थर्ड पार्टी कंपनी से आया था।
वैसे वहां से आने से पहले मेरे सीनियर जो की थर्ड पार्टी पे रोल पे वो भी थे उन्होंने मुझे वहां के मेन हेड ऑफिस के एक आईटी मैनेजर के पास मिलने को भेजे थे। में उनसे मिला . उस कंपनी के सर मुझे बोले की ऐसी गलती दुबारा न करना बिना ऑफर लेटर लिए कभी भी मत जाना कही भी।
घर पहुंचने के बाद मेरे पास कलकत्ता से फ़ोन आया पर मैंने नहीं उठाया क्योकि मेरा बड़ा रुपये का नुकसान हुवा वहाँ जाने और आने में ।
वैसे आने जाने में मजा भी खूब आया बहुत ही खूबसूरत जगह थी और रास्ते में कई बहुत अच्छी अच्छी मजेदार घटनाएं भी घटी। जॉब को निकाल दिया जाये तो बहुत ही रोमांच कारी यात्रा हुई एक हल्की सी बाइक के साथ सुजुकी हयाते ने रास्ते में कही धोखा नहीं दिया.
(आप का शरद ) ........धन निरंकार जी
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