Religion and all of us: - ✍️ your Sharad ✝️
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Thank you for Reading...
Every human being, whether it is from any country or foreign country, is connected with religion in some form or the other.
Some say God, some say Guru, some say Allah, some say God, some say Buddha, and somewhere, Lamping Buddha is considered as auspicious.
And they all have their own precious sentence words.
Such as -
Jai Shri Ram, Jai Mata Di
Or Allah, La ilaha ilalilhah
Mr. Guru
My god
Budham Sharanam Gachhami
Dhan Nirankar Ji
And everyone also has their own holy book, with different names. India is the only country where you can see people of every religion - caste and religion sitting together and drinking tea and water together. Chitput does not pay attention to some mutual issues, everyone lives together in India and frustration and hatred can be heard and seen everywhere in every country and almost all are involved in each other's festival in India, which is a religious unity and Love is towards each other in India, you cannot see anywhere. Small fights also occur inside the family.
Disputes are created by the leader and the contractor of religion.
And almost every holy book reads only the lesson of humanism and help to alleviate the pain and suffering of each other and almost everyone says that there is God - God - God in every particle and he is watching everything and Is also listening to what we are all saying or doing. And all the knowledgeable people also say that you should always help each other and stay with each other, whatever is heaven paradise, this is what it is all about, stay in the service of every elderly person with respect and respect for every woman and heart. Keep the mind clean.
It is very written that no one believes on the word beautiful and precious words.
The leader and the contractor of religion always do the work of sowing hate, sometimes you have tried to find out the house, land, bank balance and their children of these leaders and contractors of religion, if not try to find out Listen.
All quarrels will end automatically.
All are engaged in a race to bring each other down and let down. And the word of all is, I am big, I am honest, I am honest, I am honest, I am clean, I am clean, but the truth is there is no good. So it is only and only the leaders and the gurus who are sitting separately as everyone else and no one else gets out of the stage and the people quarrel among themselves.
Our fault is not yours, it is that of the gurus who work to poison each other's mind.
We all say that God is formless and has no form, but we all believe in some form or the other. Not in the form, but in the form of the Messenger of God.
I like this line of :-Mahatma Gandhi :-very much, God bless your name, God bless everyone .....
God allah your name, god bless everyone
God bless everyone, the whole world is your child
The people who are settlers on this earth are all in your lap
There is no despair, no great, God bless everyone
Parties of the castes, lies told by you
God is equal for you, God bless everyone
Janam has no value, Janam is not a man's weight
Everyone is identified with Karam, God bless everyone
God allah your name
Whether it takes the name of the Holy Quran, or the teachings of Gita, it is about unity and love and brotherhood and helping each other and becoming a support.
Thank you - Dhan Nirankar Ji
Your Sharad is this side .........Thank you
be happy make other happy
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We all and Rrligion |
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धर्म और हम सभी :-- ✍️
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⚜️हर एक व्यक्ति इंसान चाहे वह किसी भी देश - विदेश गाँव का हो वह किसी न किसी रूप में धर्म से जुड़ा होता है।
कोई ईश्वर,वाहे गुरु कहता हैं कोई अल्लाह कहता हैं कोई God कहता हैं तो कोई बुद्ध कहता है और कही लांफिग बुद्धधा को शुभ सुचक के रूप में माना जाता है।
और सब के अपने अपने अनमोल वाक्य शब्द भी होते हैं।
जैसे कि --
जय श्री राम ,जय माता दी
या अल्लाह, ला इलाहा इललिल्हाह
वाहे गुरु जी
My God
बुद्धम शरणम गच्छामी
धन निरंकार जी
और सब की अपनी पवित्र किताब भी है, अलग अलग नामो से। भारत ही एक अकेला ऐसा देश हैं जहाँ हर धर्म - जाती - मजहब के लोगों को आप एक साथ बैठे और चाय पानी साथ में पिते देख सकते हैं । चिटपुट थोडी आपसी घटनाओ विवादो पे ध्यान न दे तो भारत में सभी मिलकर ही रहते हैं और कुंठा और नफ़रत तो हर जगह हर देश में सुन व देख सकते हैं और लगभग सभी एक दूसरे के त्योहार में शामिल भी होते हैं भारत में जो मजहबी एकता और प्यार भारत में एक दुसरे के प्रति हैं वैसा आप कही नहीं देख सकते हैं। छोटे मोटे झगडे तो परिवार के अंदर भी होते रहते हैं। विवाद तो उत्पन्न कराया जाता है नेता और धर्म के ठेकेदार द्वारा।
और लगभग हर पवित्र किताब सिर्फ इन्सानियत और दुसरे के दुख दर्द को दुर करने का मदत करने का ही पाठ भी पढाती हैं और लगभग सभी कहते भी है की जर्रे जर्रे कण कण में ईश्वर - खुदा - God है और वह सब कुछ देख रहा है और सुन भी रहा है जो हम सभी कह रहे हैं या कर रहे हैं । और सभी काबिल जानकार लोग भी कहते हैं एक दूसरे की मदत हमेशा करे और एक दूसरे के साथ मिलकर रहे, स्वर्ग जन्नत जो भी है सब यही है मिल के रहो और हर बडे बुजुर्ग की मदत सेवा भाव से करो हर महिला की इज्ज़त करो और दिल को मन को पाक साफ रखो।
लिखा तो बहुत ही कूछ हैं सुन्दर व अनमोल वचन वाक्य शब्द पर कोई नहीं मानता है।
नफरत का बिज बोने का काम हमेशा नेता व धर्म के ठेकेदार ही करते हैं, कभी आप ने इन नेता और धर्म के ठेकेदारो का घर ,जमीन, बैंक बैलेंस और इनके बच्चे कहा पढ रहे हैं पता करने की कोशिश की नहीं की तो पता करके देख सुन ले।
सब झगडा विवाद अपने आप खत्म हो जायेगा।
सब एक दूसरे को निचा दिखाने और निचा गिराने के होड में लगे हुए हैं। और सब का शब्द है मै बडा मै बडा मै इमानदार मैं इमानदार मैं पाक साफ मै पाक साफ बल्कि सच्चाई यही है कोई पाक साफ इमानदार दिल का भला नहीं है सबके मन में कपट लालच ईर्ष्या और जलन भरा पडा हैं और इसका फायदा किसी को होता है तो वह सिर्फ और सिर्फ नेता और जो गुरु सबका अलग अलग बनके बैठे हैं उनको होता है और किसी को नहीं वो मंच से बोल के निकल लेते हैं और जनता आपस में झगड लेते है।
गल्ती हमारी आपकी नहीं है गुरुओ की है जो एक दूसरे के मन में जहर घोलने का काम करते हैं।
हम सभी कहते है God निराकार है उसका कोई रुप नहीं है लेकिन हम सभी लोग किसी न किसी रुप में मानते हैं। रुप में नहीं तो God के मैसेन्जर के रूप में लेकिन मानते हैं रुप में भी।
मुझे :- महात्मा गांधी जी :- का यह लाईन बहुत ही अच्छा लगता है ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सनमती दे भगवान .....
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान
सबको सन्मति दे भगवान, सारा जग तेरी सन्तान
इस धरती पर बसने वाले, सब हैं तेरी गोद के पाले
कोई नीच ना कोई महान, सबको सन्मति दे भगवान
जातों नसलों के बँटवारे, झूठ कहाए तेरे द्वारे
तेरे लिए सब एक समान, सबको सन्मति दे भगवान
जनम का कोई मोल नहीं है, जनम मनुष का तोल नहीं है
करम से है सबकी पहचान, सबको सन्मति दे भगवान
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम
चाहे पवित्र कुरान का नाम ले या गिता का सबही एकता और प्यार और भाइचारे और एक दूसरे का मदत करने तथा गरिबो सहारा बनने का ही पाठ पढाते है।
:- धन निरंकार जी
मेरे शब्दो से भाव से कही भी किसी को बुरा लगा हो तो दास को क्षमा करे :-
आपका शरद
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