Life and we all.........
For whom are we earning and who want to impress with the money earned ???
Do you remember that, * What did you eat at someone's wedding two days ago ??? *
In the early years of life * Why do we work like animals ??? *
How many generations do we have to arrange for food and child care ??? *
Most of us have two children. Many have only one child, and some have left halfway through their marriage. How much are our needs and * how much do we want to get ??? *
Are our * next generation not able to earn whatever, we want to save as much as possible for such worthless needs!?! *
Can't we spare * one and a half days a week for our friends, our family and ourselves ??? *
Do you spend 5% of your monthly income for your enjoyment, for your happiness ??? *
* Normally the answer is no. *
* Why can not we earn as well as enjoy ???
Take time to get pleasure before * colostrol blocks your heart, stomach becomes just a drugstore, before you fall prey to slip discs !!! *
* We are not the owner of any property, only some papers, some documents have our name written on it temporarily. *
* God also laughed sarcastically when someone would say to him, "I own this piece of land" !! *
Regarding someone, * Don't be judged by looking at his great clothes and nice car. *
It is not wrong to be rich * rather it is wrong to be just rich. *
* Let's catch life, before life catches us ... *
One day * We will all be separated from our religion, just to say and show each other that there are more people with me, then we will miss our words, our dreams. *
Days, months, years will pass, maybe there will never be any contact. One day, seeing our very old picture, our children will ask us, "Who are these other people in the picture ??" *
* Like home, this is the earth in which all of us, small and big, weep, sorrow, happiness, love hate, we keep on crying, in this house like earth *
* I have grown up, how many generations have been over in older years, did we not say all this or my pride, and nothing else, when age comes out, then I am older, I grow up *
* Then we will smile and say with a great smile with my invisible tears --- "These are the people with whom I have spent the best days of my life." *
....... Think .... take Otherwise… ..
you are only passing the year ..
हम किसके लिये कमा रहे और कमाये हुए पैसे से किसे इम्प्रेस करना चाहते हैं ???
क्या आपको याद है कि, *दो दिन पहले किसी की शादी पर आपने क्या खाया था ???*
जीवन के प्रारंभिक वर्षों में *क्यों हम पशुओं की तरह काम में जुते रहते हैं ???*
कितनी पीढ़ियों के *खान पान और लालन पालन की व्यवस्था करनी है हमें ???*
हम में से *अधिकाँश लोगों के दो बच्चे हैं। बहुतों का सिर्फ एक बच्चा है और कुछ तो शादी से ही कोसो दूर आधी उम्र तक निकल आये।
हमारी जरूरत कितनी हैं और *हम पाना कितना चाहते हैं ???*
क्या हमारी *अगली पीढ़ी कमाने में सक्षम नहीं है जो, हम ऐसे निकम्मो के लिए ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर देना चाहते हैं !?!*
क्या हम *सप्ताह में डेढ़ दिन अपने मित्रों, अपने परिवार और अपने लिए स्पेयर नहीं कर सकते ???*
क्या आप *अपनी मासिक आय का 5 % अपने आनंद के लिए, अपनी ख़ुशी के लिए खर्च करते हैं ???*
*सामान्यतः जवाब नहीं में ही होता है।*
*हम कमाने के साथ साथ आनंद भी क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ???*
इससे पहले कि *आप स्लिप डिस्क्स का शिकार हो जाएँ, इससे पहले कि, कोलोस्ट्रोल आपके हार्ट को ब्लॉक कर दे, पेट सिर्फ दवा की दुकान बन जाये, आनंद प्राप्ति के लिए समय निकालिए !!!*
*हम किसी प्रॉपर्टी के मालिक नहीं होते, सिर्फ कुछ कागजातों, कुछ दस्तावेजों पर अस्थाई रूप से हमारा नाम लिखा होता है।*
*ईश्वर भी व्यंग्यात्मक रूप से हँसेगा जब कोई उसे कहेगा कि, " मैं जमीन के इस टुकड़े का मालिक हूँ " !!*
किसी के बारे में, *उसके शानदार कपड़े और बढ़िया कार देखकर, राय कायम मत कीजिए।*
धनवान होना गलत नहीं है *बल्कि सिर्फ धनवान होना गलत है।*
*आइए जिंदगी को पकड़ें, इससे पहले कि, जिंदगी हमें पकड़ ले...*
एक दिन *हम सब अपने अपने धर्म कर्म से जुदा हो जाएँगे, बस कहने को है और एक दूसरे को दिखाने को है की मेरे साथ ज्यादा लोग हैं, तब अपनी बातें, अपने सपने हम बहुत मिस करेंगे।*
*दिन, महीने, साल गुजर जाएँगे, शायद कभी कोई संपर्क भी नहीं रहेगा। एक रोज हमारी बहुत पुरानी तस्वीर देखकर हमारे बच्चे हम से पूछेंगे कि, " तस्वीर में ये दुसरे लोग कौन हैं ?? "*
*घर की तरह ही ये पृथ्वी है जिसमें हम सभी छोटे बड़े, रोते हस्ते, दुख सुख, प्यार नफ़रत , रूठना मनाना लगा रहता है इस घर रूपी पृथ्वी में*
*मै बड़ा हम बड़े मे कितनी पीढ़िया खत्म हो गई मिला क्या कुछ नही ये सब अपना वहम कहे या घमण्ड और कुछ नही जब समय उम्र निकल जायेगा तब फिर मै बड़ा हम बड़े*
*तब हम मुस्कुराकर अपने अदृश्य आँसुओं के साथ बड़े फख्र से कहेंगे---" ये वो लोग हैं, जिनके साथ मैंने अपने जीवन के बेहतरीन दिन गुजारे हैं। "*
.......
सोचें .... लें
वरना .....यू ही साल तो गुज़र ही रहें हैं..
🙏🏻
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